शाहजहांपुर/ जलालाबाद में परशुराम मन्दिर के रास्ते से अतिक्रमण हटाने के लिए उपजिलाधिकारी दुर्गेश यादव , पुलिस क्षेत्राधिकारी अमित चौरसिया, एवं अन्य प्रशासनिक टीम रामताल के पास पहुंची। प्अति क्रमण करने वाले लोगों को 3 दिन का अल्टीमेटिंम दिया। और कहा कि परशुराम मंदिर जाने वाले रास्ते से अतिक्रमण हटा ले अन्यथा की स्थिति में बुलडोजर की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जिन अतिक्रमणकारियों ने रास्ते पर कब्जाकर निर्माण कर रखा है, उन 20 लोगों के साथ पहले मीटिंग भी हुई थी जिन्हें प्रशासन ने नोटिस जारी किया था। उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया लगभग सभी मौके पर पहुंचे, सभी लोगों की तरफ से नोटिस का लिखित जवाब दिया गया। तहसील सभागार में सभी 20 कब्जेदारों को बुलाया गया।
कब्जेदार अपने अपने वकील लेकर पहुंचे। उन्होंने अतिक्रमणकारियों से कहा परशुराम मंदिर में कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू करनी है कॉरिडोर को लेकर पिछले दिनों सर्वे का काम पूरा हो चुका है। कॉरिडोर के रास्ते से मंदिर तक पहुंचा जा सकेगा, इस कॉरिडोर के निर्माण का इधर इसका विरोध भी जारी है। तहसील प्रशासन परशुराम धाम पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद भी मंदिर से जुड़े रामताल के अवैध कब्जे प्रशासन नहीं हटवा सका है। परशुराम मंदिर के ठीक सामने करीब 70 बीघा रकबा वाला यह तालाब सरकारी अभिलेखों में रामताल के नाम से दर्ज है। इसके दक्षिण व पश्चिम में बस्ती के लोगो ने ताल को पाटकर पक्के निर्माण कर लिए हैं। जिसके बाद 20 कब्जेदारों को नोटिस जारी कर लाल निशान लगा दिए गए। तब से कई बार तहसील प्रशासन नोटिस जारी कर चुका है, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं होने से वहां कब्जे जस के तस हैं। लोगों का कहना है कि रामताल को कब्जा मुक्त कराने के बाद ही वहां से नई रोड बनाई जा सकती है। इस रोड के बन जाने से मंदिर तक बड़े वाहनों की पहुंच आसान हो जाएगी। फिलहाल, मंदिर तक आने जाने का रास्ता काफी संकरा होने से वहां चार पहिया वाहन पहुंचना मुश्किल है।