जनपद मैनपुरी ग्राम मायाचंदपुर गत वर्षो के बाद इस वर्ष भी मां शीतला देवी का बड़े ही धूमधाम से मेला आयोजन किया गया। आज माया चंद्रपुर मां शीतला देवी का प्रथम दरबार लगाया गया समस्त ग्रामवासी एवं क्षेत्रवासियों ने पूजा हवन के बाद मेंले काआयोजन किया गया मां शीतला देवी केमंदिर पर बड़े-बड़े दूर से श्रद्धालु अपनी आस्था लेकर आते हैं मां शीतला के दरबार में अपने मुरादे मांगते हैं और माता रानी उनकी सभी मुरादे पूरी करती हैं।

श्रद्धालु मां शीतला के मंदिर परझंडा पेट केबल सरक सरक झंडा चढ़ाते हैं मां शीतला भवानी से अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं बहुत-बहुत दूर से लोग अपनी अपनी दुकानें लेकर आते हैं और मेला की शोभा बढ़ाते हैं यह मेला लगभग 200 साल पुराना लगता चल रहा है।
मां शीतला को वासा भोग क्यों लगाया जाता है
माता शीतला देवी बूढी माता के रूप में पृथ्वी पर लोक पर घूमते घूमते राजस्थान के डुगरी गांव में मैं पहुंच गई माता शीतला देवी एक स्थान पर खड़ी थी तभी एक महिला ने गलती से उनके ऊपर गर्म पानी डाल दिया और वह झुलस गयी जिससे उनके शरीर बड़े बड़े छाले पड़ गए वह इधर-उधर बिलखती हुई घूमने लगी।

किसी ने उनका ध्यान नहीं दिया उस समय एक कुम्हारिनने देखा की एक वृद्ध महिला के शरीर पर अंजलेसे पूरे शरीर परछाले पड़ गई तो उस गरीब कुम्हारिनकी नजर बुढी माता पर पडीतो उसने माता रानी के शरीर पर ठंडा पानी डाला और उनके शरीर को ठंडक मिली उसे गरीब कुम्हारिन बासा खाना और रावड़ी दी जिससे माता रानी को ठंडक मिली और वह अपने असली रूप में आ गई कुम्हारिनजब देखा तो भयभीत हो गई माता रानी ने अपने वाहनकी सवारी और हाथ में झाड़ू ढलिया लेकर उसगरीब कुम्हारिन की दरिद्रता को झाड़ दिया उसी दिन से मां शीतला को वासा भोग लगाया जाता है इस अवसर पर मेले में हजारों की संख्या में महिला पुरुष मौजूद रहे।