Saturday, April 19, 2025
0,00 INR

No products in the cart.

KEA: Exam में फर्जी अभ्यर्थी पकड़ेगा मोबाइल, कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण की अनोखी पहल

सोशल मीडिया पर फॉलो करें

कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण KEA ने एआई मोबाइल बेस्ड AI वेरिफिकेशन प्रणाली लागू की है. इससे परीक्षा में फर्जी उम्मीदवार नहीं बैठ पाएंगे. यह तकनीक केईए की इंजीनियरिंग टीम ने विकसित की है. केईए में रिक्त पदों के लिए चल रही चार दिवसीय भर्ती परीक्षा में इसका परीक्षण भी किया गया. अधिकारियों का दावा है कि ट्रायल में यह तकनीक पूरी तरह सफल रही है.

KEA की यह अपनी तरह की अनोखी पहल है. ऐसा पहली बार है जब किसी परीक्षा प्राधिकरण ने इस तरह की तकनीक का एग्जाम में इस्तेमाल किया है. अधिकारियों के मुताबिक यह प्रणाली पूरी तरह से नकल रोकने में सफल है. मोबाइल एआई बेस्ड वेरिफिकेशन प्रोसेस ये तय करता है कि वास्तविक उम्मीदवार ही परीक्षा दे.

ये भी पढ़ें :  बार काउंसिल ने जारी किया AIBE-19 2025 का रिजल्ट, यहां जानें कैसे करें चेक

ऐसे काम करती है प्रणाली

केईए की मोबाइल वेरिफकेशन प्रणाली परीक्षा हॉल में अभ्यर्थियों की एंट्री के दौरान उनकी फोटो कैप्चर करती है. यह AI की मदद से यह सुनिश्चित करती है कि जिस छात्र को परीक्षा में बैठना है यह वही है. अगर कोई फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा में बैठने की कोशिश करेगा तो वह इस प्रणाली की पकड़ में आ जाएगा. केईए के डायरेक्टर एच प्रसन्ना के मुताबिक भर्ती परीक्षा की पहली पाली में 74 उम्मीदवार उपस्थित हुए और दोपहर के सत्र में 267 छात्रों ने भाग लिया.

क्या करता है KEA
KEA यानी Karnataka Examination Authority कर्नाटक सरकार का एक निकाय है जो विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करता है. यह KCET यानी कर्नाटक कॉमन इंट्रेंस टेस्ट आयोजित करता है, जिससे इंजीनियरिंग, फार्मेंसी, कृषि, और अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलता है. इसके अलावा PGCET (Post Graduate Common Entrance Test) जिससे MBA, MCA, M.Tech, M.Arch, M.E. आदि पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलता है. NEET & UG/PG Admissions की परीक्षाएं तथा डिप्लोमा CET यानी डिप्लोमा धारकों का इंजीनियरिंग में प्रवेश के साथ सरकारी नौकरियों के लिए भी परीक्षाएं और भर्ती प्रक्रिया आयोजित करती है.

कब हुई थी स्थापना
कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण की स्थापना 2006 में की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य कर्नाटक में उच्च शिक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए निष्पक्ष प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करना है. इससे पहले इसे CET Cell के नाम से जाना जाता था. अब प्राधिकरण ने मोबाइल बेस्ड AI वेरिफिकेशन प्रणाली की शुरुआत कर एक ऐसी पहल की है जो उसे अन्य परीक्षा प्राधिकरणों से आगे खड़ा करती है.

ये भी पढ़ें :  बार काउंसिल ने जारी किया AIBE-19 2025 का रिजल्ट, यहां जानें कैसे करें चेक

रिपोर्टर बनें

क्या आप पत्रकार बनना चाहते हैं? जुड़ें द इनसाइडर पॉइंट मासिक पत्रिका से और बनाएं पत्रकारिता जगत में अपनी पहचान .. जुड़ने के लिए Join Now बटन पर क्लिक करें

पत्रिका पढ़ें

पत्रिका की सदस्यता लेने के लिए सब्सक्राइब बटन पर क्लिक करें और पढ़ें बेहतरीन लेख और ख़बरें ...

सम्बंधित ख़बरें

बार काउंसिल ने जारी किया AIBE-19 2025 का रिजल्ट, यहां जानें कैसे करें चेक

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 21 मार्च 2025 को ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन यानी एआईबीई 19 के रिजल्ट्स जारी कर दिए हैं. जो उम्मीदवार...

प्रीमियम लेख

अमर सेनानी राजा नरपति सिंह: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नायक

राजा नरपति सिंह 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरदोई, उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख क्रांतिकारी नेता थे। वे माधोगंज (वर्तमान में बिलग्राम तहसील)...

गणित और खगोलशास्त्र के शिखर:आर्यभट्ट को राष्ट्र का नमन: रविन्द्र आर्य

नई दिल्ली 14 अप्रैल का दिन भारतीय गणित और खगोलशास्त्र के इतिहास में विशेष महत्व रखता है। इस दिन लगभग 1500 वर्ष पूर्व जन्मे...

राणा सांगा: मेवाड़ के वीर योद्धा का जीवन परिचय

राणा सांगा, जिनका पूरा नाम महाराणा संग्राम सिंह था, मेवाड़ के एक महान राजपूत शासक थे। वे सिसोदिया वंश के शासक थे और 16वीं...

योगी आदित्यनाथ: हिंदुत्व के प्रतीक से यूपी के शासक तक

योगी आदित्यनाथ, जिनका मूल नाम अजय मोहन सिंह बिष्ट है, का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी गढ़वाल जिले...

उत्तर प्रदेश के सभी CHC में मिलेंगी ये जरूरी दवाइयाँ व टीके..कहीं आपको तो नहीं लिखी जा रही बाहर से दवाई

उत्तर प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (Community Health Centers - CHCs) में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाने वाली दवाइयों की सूची भारत सरकार...

ताज़ा ख़बरें

चर्चित ख़बरें

error: आप इसे कॉपी नहीं कर सकते....यह एक तरह से चोरी है !! द इनसाइडर पॉइंट इसकी इजाजत नहीं देता है