आस्था का नया आधार सतलोक आश्रम
आज जहाँ लोगों की श्रद्धा ईश्वर मे बड़ती जा रही हैं बही पर एक नया भक्ति युग का प्रारंभ हो चुका हैं लोगो की माने तो इसको कबीर युग भी कहा जा रहा हैं जहाँ कबीर जी को परमात्मा बताया जा रहा है और इसको सही भक्ति बताने बाले सतभक्ति से लोगो को सही मार्ग पर लाने बाले सतगुरु संत रामपाल जी महाराज हैं जिनके भक्त दहेज मुक्त विवाह, नशामुक्ति, सदाचार, फिल्मी गाने न सुन ना न देखना क्यो त्योहार न मनाना, कोई आडम्बर न करना, सबको समान समझना किसी भी धर्म को गलत न कहना, कोई जाती पाती धर्म लिंग् को न मानकर सभी के साथ समानता का भाव रखते हैंइस परम्परा मे वर्ष मे पाँच से 6 बार भंडारा होता हैं जहा लाखों भक्त देश विदेश से आकर कबीर साहेब की पूजा करके उनके जन्म दिवस को अवतरण दिवस के रूप मे मानते हैं और भंडारे का आयोजम करते हैं यह भंडारा सतलोक आश्रमो मे उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, और देश के बाहर कई देशों मे मनाया जाता हैंहमने भी अपने मीडिया साथियों को बहा भेजकर सत्यता का पता लगाने का प्रयास किया और हरियाणा के पास धनाना धाम जाकर देखा तो किसी और ही दुनिया का अहसास किया सब लोग हाथ बांधे विनम्रता के भाव से विभोर लोगो को भंडारे मे सेवा करते देखा यहा न कोई राजा दिखा न कोई रंक सब अपना अहंकार, पद, भूलकर एक सेवक की तरह दिख रहे थे बड़ा ही अनुपम नजारा लग रहा था, लोगो से बात की तो पता चला की इस भक्ति से लोगो के बहुत ही बड़े बड़े रोग नाश हो चुके, कई लोग राक्षस प्रव्रति को त्याग कर भक्त बन गए गए तो थे पत्रकार बन कर लेकिन सच मे एक नई आस्था लेकर वापस लौटे