कछौना BRC पर शिक्षकों को दिया जा रहा घटिया और बासी खाना, खाने के बजट में कमीशनखोरी का खेल
*हरदोई।* जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के रोज ही नए-नए कारनामें सामने आ रहे हैं। बीएसए विजय प्रताप सिंह सहित कई बीईओ अपनी दूषित मानसिकता, भ्रष्टाचार व शिक्षकों के शोषण आदि के चलते जांच और कार्यवाई का सामना कर रहे हैं। भ्रष्ट बीएसए विजय प्रताप सिंह की हनक और भ्रष्टता के आगे तो एक महिला बीएसए रतन कीर्ति को लज्जित होकर जिले से लौटना पड़ा था। विभाग में आज भी शिक्षकों को हर जगह, हर काम के लिए कमीशनखोरी, रिश्वत और भ्रष्टाचार के बोझ तले दबना पड़ता है। विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि जिम्मेदारों और कमीशनखोरों द्वारा अब शिक्षकों की 'थाली' को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। ताजा मामले में इसकी बानगी तब देखने को मिली जब जिले के ब्लॉक संसाधन केंद्र(बीआरसी)-कछौना में आयोजित 'शारदा प्रशिक्षण' में प्रशिक्षुओं को घटिया और बासी, गुणवत्ता-विहीन खाना मिलने पर हंगामा खड़ा हो गया। खुद के 'निवाले' पर कमीशनखोरी से 'भविष्य निर्माताओं' का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने इसका कड़ा विरोध दर्ज कराया। चर्चा है कि खंड शिक्षा अधिकारी(बीईओ) के.के.त्रिपाठी के संरक्षण में खाने की सप्लाई उनके चहेते प्रवीण कुमार नाम के एक शिक्षक द्वारा ही कराकर प्रशिक्षण के नाम पर आए मोटे बजट को ठिकाने लगाकर बंदरबांट किया जा रहा है। बताते चलें कि बीईओ कृष्ण कुमार त्रिपाठी पर अपनी संडीला ब्लॉक में तैनाती के दौरान भी उन पर अपना सिंडिकेट बनाकर कई स्थानीय शिक्षकों से अवैध वसूली व शोषण के गंभीर आरोप लगे थे।
सरकार द्वारा 'पढ़ाई से वंचित/आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिन्हीकरण, पंजीकरण, नामांकन, आकलन व ट्रेकिंग के लिए संचालित विशेष अभियान', जिसे 'शारदा योजना'(SHARDA- 'S'chool 'HAR' 'D'in 'A'aye) का नाम दिया गया है, के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक नामित नोडल अध्यापकों को शारदा संघनित पाठ्यक्रम के आधार पर विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है। प्रशिक्षण में प्रशिक्षुओं के लिए भोजन/जलपान, प्रशिक्षण मॉड्यूल व स्टेशनरी आदि के लिए सरकार द्वारा अलग-अलग मदों में अच्छी-खासी धनराशि भी उपलब्ध कराई जाती है।
इसी क्रम में कछौना बीआरसी पर 18 दिसंबर से 20 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण में प्रति प्रतिभागी लगभग 525 रुपए(450 रुपए का भोजन/जलपान,50 रुपए का प्रशिक्षण मॉड्यूल व 25 रुपए स्टेशनरी) की धनराशि अवमुक्त होने के बाद भी शिक्षकों को ट्रेनिंग के दूसरे दिन भी घटिया, बासी और बदबूदार खाना खाना मिलने से उनमें भारी रोष उत्पन्न हो गया। बीईओ के संरक्षण में खाना बनाने वाले 'शिक्षकों के खाने के लिए आए पैसों' में गोलमाल करते हुए उन्हें बासी और बदबूदार खाना खिला रहे हैं।
प्रशिक्षुओं में मुजम्मिल हुसैन, प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष सत्याधार, महेश मिश्रा, अतुल प्रेमी, तेजपाल मौर्या, आशुतोष व पवनेन्द्र कुमार सहित कई शिक्षकों ने बताया कि पहले दिन से ही घटिया खाना दिया जा रहा है, जिसे कहने के बाद भी सुधार नहीं किया गया। पानी जैसी सब्जी वगैरह गंदी पॉलीथिन में बांधकर दी जा रही है।
चाय-पानी/जलपान की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई। पहले दिन खाने के बाद कुछ शिक्षकों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ है जिसके चलते आज कई लोगों ने खाना नहीं खाया है या खराब खाना मिलने पर कूड़ेदान में फेंक दिया है। वहीं प्रशिक्षण में मिलने वाली स्टेशनरी में भी 'खेल' किया गया है और प्रशिक्षण मॉड्यूल की प्रति तो उपलब्ध ही नहीं कराई गई है।
प्रशिक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है, ना तो समय से शुरू होता है और ना ही किसी देर से आने-जल्दी जाने पर कोई कार्रवाई होती है। आवाज उठाने वाले शिक्षकों को बीईओ द्वारा आर्थिक/मानसिक प्रताड़ना का शिकार भी होना पड़ता है। शिक्षकों ने बीईओ को खाने की गुणवत्ता व जलपान आदि की व्यवस्था पर संज्ञान लेने हेतु पत्र भी दिया है।
वहीं जब इस संदर्भ में कछौना के खंड शिक्षा अधिकारी(बीईओ) कृष्ण कुमार त्रिपाठी से उनका पक्ष जानने के लिए दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा, जबकि शिक्षकों ने बताया कि वो यहीं पर ही मौजूद हैं। फोन करने के बाद व शिक्षकों का हंगामा देखकर कुछ देर बाद उन्हें वहां से गुपचुप तरीके से निकलते हुए देखा
गया।